आपके वादों पर मेरा मन खुशी से पागल होता रहा जो मिलने वाला है मुझे आपसे उसमें से मोती पिरोता रहा अब मुझे उस समय का इंतजार है जब मेरे अरमान पूरे हो जाएंगे
तुम जख्मों पर मेरे मरहम लगाओ अब इसका मुझको काम नहीं इतना मुझको दर्द दिया है आराम नहीं रहता है यह सच है मेरे प्यार की जरा सा कद्र नहीं करता है यूं ही अपने आशिक को कोई बदनाम नहीं करता है