हर बात इशारों में कहना छोड़ दो कुछ राज खुलकर बताओ तो सही कहीं ऐसा ना हो वक्त गुजर जाए और मैं समझ नहीं पाऊं आपके चाहतों का असली राज क्या है
तुम जख्मों पर मेरे मरहम लगाओ अब इसका मुझको काम नहीं इतना मुझको दर्द दिया है आराम नहीं रहता है यह सच है मेरे प्यार की जरा सा कद्र नहीं करता है यूं ही अपने आशिक को कोई बदनाम नहीं करता है