जेब होते ही खाली बेवफा हो गई जो मीठी बातें करते हुए हर वक्त चिपकती रहती थी आज नफरतों का दीवार इस तरह खड़ा कर दिया फेर लेती है नजरें मुझे देख कर आज दुश्मनों सा उसका व्यवहार है
उसकी मीठी बातों में इस कदर खो गया कि लंबे सफर का पता ना चला खुशियों में यह उम्र गुजर जाएगी जो वह हमसफ़र बने उसे प्यार हद से ज्यादा करने लगा हूं